तुर्की के कुस्कोय गाँव में सीटीयों में बात करने वाली भाषा l
"कुस दिली" या "पक्षी भाषा"
आपको जानकर हैरानी होगी की तुर्की में एक ऐसा गाँव है जहां की भाषा इसे अलग बनाती है। पीढ़ियों से यहां के ग्रामीण बातचीत के लिए एक अनूठे माध्यम का उपयोग करते आ रहे हैं, जिसे तुर्की में "कुस दिली" भाषा कहते हैं। जहां लोग सीटी बजाकर एक दुसरे से बात करते हैं मतलब वहां की भाषा पक्षी की तरह होती है, वास्तव में वे अपनी "पक्षी भाषा" का उपयोग करते हुए तुर्की शब्दों को सीटी की एक श्रृंखला के रूप में व्यक्त करते हैं, जिसमें प्रत्येक शब्दांश लगभग 20 अलग-अलग ध्वनियों में से गाया जाता है। इसका उपयोग विशिष्ट विषयों में होता है जैसे चाय में निमंत्रण या काम में मदद के लिए बुलाना, फसल लेने के लिए आये ट्रक की आने की खबर पड़ोसियों को पहुँचाना या मृत्यु, जन्म और शादियों की सूचना शामिल हैं।
यह गाँव सुदूर पहाड़ी में काला सागर तट के ऊपर बसा हुआ है, ज़िसका नाम कुस्कोय है, यह किसानों द्वारा बसा हुआ है l
अधिकांश ग्रामीणों का मानना है कि "कुस दिली" लगभग 400 साल पुरानी भाषा है, हालांकि कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता। UNESCO (यूनेस्को) ने 2017 में "पक्षी भाषा" को Intangible Cultural Heritage की सूची में शामिल किया है l अब यह भाषा लगभग 10,000 से भी कम लोगों तक ही सीमित रह गयी है l